क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
दर्द का सिलसिला भी नहीं
कोई शिकवा गिला भी नहीं ।
कोशिशें भी न ज्यादा हुईं
आप जैसा मिला भी नहीं ।।
बनने मत देना कभी, मन में कोई भीत ।
जब कोई शंका उठे, खुलकर कहना मीत ।।