मनोज अबोध
क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
Monday, August 20, 2012
ईद के प्यारे-मुहब्बतभरे मौके पर एक मुक्तक
प्यार की, अम्न की दीद हो ।
बात की मेरी, ताईद हो ।
नफ़रते इस जहां से मिटें..
ईद हो, हर तरफ़ ईद हो ।।।
Friday, August 17, 2012
एक मुक्तक मौसम का..आपके नाम...
हाथ में हाथ हो, हो न हो ।
आपका साथ हो, हो न हो ।
आज रोको न जज़्बात को...
फिर ये बरसात हो, हो न हो ।।
Thursday, August 16, 2012
एक मुक्तक आपके नाम......
चॉंदनी रात हो, हो, न हो ।
आपसे बात हो, हो, न हो ।
चार पल पास बैठो जरा...
फिर मुलाकात हो, हो, न हो ।
।
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