Tuesday, February 20, 2018

एक दोहा नाराज़ दोस्तों को समर्पित:

एक दोहा नाराज़ दोस्तों को समर्पित:::💑💑💑💑

यूँ तो कब का बन्द है, उससे हर संवाद ।
बतियाती है हर घड़ी, मुझसे उसकी याद।।
------- मनोज अबोध

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