क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
क्या होगा अंजाम, न पूछ
सुबह से मेरी शाम, न पूछ
आगंतुक का स्वागत कर
क्यों आया है काम न पूछ
मेरे भीतर झाँक के देख
मुझसे मेरा नाम न पूछ
पहुँच से तेरी बाहर हैं
इन चीज़ों के दाम न पूछ
रीझ रहा है शोहरत पर
कितना हूँ बदनाम न पूछ
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