क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
Friday, November 18, 2011
Thursday, November 17, 2011
कोहरे में लिपटी मिले...
ऑंखों में जब से घुला, यादों का मकरन्द ।
कोहरे में लिपटी मिले, बस तेरी ही गन्ध ।।
कोहरे में लिपटी मिले, बस तेरी ही गन्ध ।।
तुम्हारे प्यार में...
तुम्हारे प्यार में ये काम कर न जाऊं कहीं ...
तुम्हारी याद में घबरा के मर न जाऊं कहीं..
मिला हूं भोर की पहली किरन सा तुमको मैं
मुझे संभाल के रखना,बिखर न जाऊं कहीं ।।
तुम्हारी याद में घबरा के मर न जाऊं कहीं..
मिला हूं भोर की पहली किरन सा तुमको मैं
मुझे संभाल के रखना,बिखर न जाऊं कहीं ।।
तुम्हारे प्यार की चादर
तुम्हारे प्यार की चादर बिछाए बैठे हैं ।
तुम्हारी याद सिरहाने लगाए बैठे हैं ।
तुमसे मिलने के लिए, आंसू भी....
कब से पलकों पे आए बैठे हैं ।।।।।
तुम्हारी याद सिरहाने लगाए बैठे हैं ।
तुमसे मिलने के लिए, आंसू भी....
कब से पलकों पे आए बैठे हैं ।।।।।
Sunday, November 6, 2011
एक मुक्तक
मेरा होता नहीं, तो क्या होता...
ऐसे डर से भला नहीं होता ।
जो नहीं खुद का कभी हो पाया
वो किसी और का नहीं होता ।।
ऐसे डर से भला नहीं होता ।
जो नहीं खुद का कभी हो पाया
वो किसी और का नहीं होता ।।
Thursday, November 3, 2011
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