मनोज अबोध
क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
Saturday, April 28, 2012
आज का मुक्तक
वो
मिले
,
पर मिले
भी नहीं ।
गुल खिले
,
पर खिले
भी नहीं ।
देख
लेते
थे
पहले
उन्हें...
अब तो ये सिलसिले
भी नहीं ।
आज का मुक्तक
दर्द की ये दवा क्या करूँ ।
तू नहीं तो वफ़ा क्या करूँ ।
हर खुशी थी जो तुम साथ थे
मैं अकेला बता क्या करूँ ।
Thursday, April 26, 2012
आज का मुक्तक....
जब भी यूँ मुस्कुराते हो तुम ।
स्वप्न कितने दिखाते हो तुम ।
बदलियों-सा बरस जाऊँगा....
क्यों मुझे गुदगुदाते हो तुम ।
Monday, April 9, 2012
आज का मुक्तक......
मित्र, यदि शायरी जरूरी है ।
आपकी टिप्पणी जरूरी है ।
ताम्र को स्वर्ण बनाने के लिए
ये कीमियागरी जरूरी है ।
Saturday, April 7, 2012
आज का मुक्तक......
जब भी लेखन की बात होती है ।
इसको शह, उसको मात होती है ।
वो दलित, मैं सवर्ण, तू नारी....
लेखकों की भी ‘जात ‘ होती है ।
Friday, April 6, 2012
आज का मुक्तक......
झूठ
की
चाशनी
मत
करो
।
सत्य
पर
तर्जनी
मत
करो
।
चाहते
हो
अगर
मित्रता ....
आतिशी
टिप्पणी
मत
करो
।
Thursday, April 5, 2012
आज का मुक्तक......
सोच का निष्क्रमण प्रेम है ।
भाव का अतिक्रमण प्रेम है ।
या, अचानक हृदय कक्ष में..
साध्य का अवतरण प्रेम है ।
Wednesday, April 4, 2012
आज का मुक्तक......
नेह का (इ)स्फुरण प्रेम है ।
प्रीत का अभिकरण प्रेम है ।
स्वांस- दर
–
स्वांस जीते हुए
प्रेम तो आमरण प्रेम है।
Tuesday, April 3, 2012
आज का मुक्तक
मीत का मनहरण
प्रेम
है ।
भाव का आक्रमण
प्रेम
है ।
प्राण से प्राण तक शब्द बिन
मौन का उपकरण
प्रेम
है ।
आज का मुक्तक......
मन अहम् का क्षरण प्रेम है ।
अश्रुजल निस्स:रण प्रेम है ।
प्राण प्रण का समर्पण, कभी
मन से मन का वरण प्रेम है ।
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