Thursday, May 31, 2012

आज का मुक्‍तक.....

आप,  आते हो चले जाते हो ।
हमको बिलकुल नहीं बताते हो
दोस्‍तों का खयाल भी रक्‍खो..
क्‍यों हमें इस कद़र सताते हो ।।

Wednesday, May 23, 2012

आज का मुक्‍तक


कुछ तो सोचो- विचारो  कभी ।
नयन भर कर  निहारो  कभी ।
कब से बैठे  हैं पलकों  पे वो..
अब तो दिल में उतारो  कभी ।

Tuesday, May 22, 2012

आज का मुक्‍तक.............

प्‍यार  की  साधना  के  लिए  ।
भाव  की  अर्चना  के  लिए  ।
आओ,हम-तुम मिलें आज फिर
इक  नई  सर्जना  के  लिए  ।।

Sunday, May 20, 2012

आज का मुक्‍तक...

भाव की  नवधरा  चाहिए  ।
प्राण-प्रण  से वफ़ा  चाहिए ।
मैं  अधूरा हूँ  बिन  आपके..
आप से  पूर्णता  चाहिए  ।।

Friday, May 18, 2012

आज का मुक्‍तक...


प्‍यार में फिर वफ़ा के लिए ।।
इस अधूरी  कथा के लिए ।।
है निवेदन  यही, आपसे .....
लौट आओ सदा के लिए  ।।

Thursday, May 10, 2012

आज का मुक्‍तक......


क्‍यों कसम मेरी खाते हो तुम ।
और फिर भूल जाते हो तुम ।
कब निभा पाए हो तुम वफ़ा ...
मुझको झूठा बताते हो तुम ।

आज का मुक्‍तक....

दूर ख़ुद मुझसे  जाते हो तुम ।
अश्‍क भी फिर बहाते हो तुम ।
जब मिलन चाहते  ही नहीं ..
क्‍यों  बहाने बनाते  हो तुम ।

Monday, May 7, 2012

आज का मुक्‍तक


भाव  इतने  सघन हों न हों ।
स्‍वागतम् में नयन हों न हों ।
आज ही हमसे मिल लीजिए..
फिर मिलन के यतन हों न हों ।

Sunday, May 6, 2012

आज का मुक्‍तक....



खु़द  को  यूँ  गुदगुदाओ  कभी ।
बे-वजह   मुस्‍कुराओ    कभी  ।
याद  करके  किसी  बात  को ..
खु़द-ब-ख़ुद  खिलखिलाओ कभी ।

Friday, May 4, 2012

आज का मुक्‍तक....


व्‍यक्तिगत  टिप्‍पणी,  फिर  कभी ।
हम में जो कुछ ठनी, फिर  कभी  ।
चन्‍द  पल   पास   बैठो   जरा....
आपसी  दुश्‍मनी,   फिर   कभी  ।

Thursday, May 3, 2012

मुक्‍तक

सपनों से दिल लगाना  है अच्‍छा  कभी-कभी
बस, यूं ही मुस्‍कुराना है अच्‍छा  कभी-कभी
है प्‍यार तो आएगा,  मनाने   भी वो जरूर
बे-वजह रूठ   जाना  है  अच्‍छा  कभी-कभी ।।
0000000000000000000000000000000000








आज का मुक्‍तक.......


मुस्‍कुरा  कर   सराहा  तुम्‍हे  ।
हर कदम  पर निबाहा  तुम्‍हे  ।
तुम न  समझे हृदय को मेरे ..
ख़ुद से भी ज्‍यादा चाहा  तुम्‍हे ।