Wednesday, April 4, 2012

आज का मुक्‍तक......


नेह  का (इ)स्‍फुरण  प्रेम  है ।
प्रीत का  अभिकरण  प्रेम  है ।
स्‍वांस- दर स्‍वांस  जीते  हुए
प्रेम   तो  आमरण  प्रेम  है।

No comments: