क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........
Tuesday, July 17, 2012
आज का मुक्तक.....
रूकती हुई सॉंसों में कुछ सॉंस मिला जाओ । अहसास के पंछी को थपकी दे सुला जाओ । उम्मीद की राहों में यादों का उजाला है.. अश्कों की गुज़ारिश है- इकबार तो आ जाओ ।
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