आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (21-11-2018) को "ईमान बदलते देखे हैं" (चर्चा अंक-3162) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
दो पल तुझको देखकर मिट जाती है प्यास , अगले ही पल मन करे फिर मिलने की आस। आशा तृष्णा न मरी मर मर गए शरीर बिन देखे भी रहा न जाए , पर देखे से और रिझाये। कहने लगे तो कहा न जाए , बिना कहे भी रहा न जाए। बढ़िया भाव का दोहा -मनोज अबोध का ,बोध जगाता
3 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (21-11-2018) को "ईमान बदलते देखे हैं" (चर्चा अंक-3162) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
दो पल तुझको देखकर मिट जाती है प्यास ,
अगले ही पल मन करे फिर मिलने की आस।
आशा तृष्णा न मरी मर मर गए शरीर
बिन देखे भी रहा न जाए ,
पर देखे से और रिझाये।
कहने लगे तो कहा न जाए ,
बिना कहे भी रहा न जाए।
बढ़िया भाव का दोहा -मनोज अबोध का ,बोध जगाता
vigyanpaksh.blogspot.com
vigyanspectrum05.blogspot.com
veeruji05.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
सुंदर भाव
Post a Comment