दुर्गाष्टमी,महानवमी और विजय दशमी पर सभी मित्रों को ह्रदय से मंगलकामनाएं----
अन्तर की शक्तियों को जगाने की रात है ।
श्रद्धा से शीश अपना झुकाने की रात है ।
देकर के अर्घ्य अश्रुओं का,हाथ जोड़कर
सच्चे ह्रदय से मॉं को मनाने की रात है ।।
-----मनोज अबोध
अन्तर की शक्तियों को जगाने की रात है ।
श्रद्धा से शीश अपना झुकाने की रात है ।
देकर के अर्घ्य अश्रुओं का,हाथ जोड़कर
सच्चे ह्रदय से मॉं को मनाने की रात है ।।
-----मनोज अबोध
1 comment:
ब्लॉग पर लेखन जारी रखिए।
आप अच्छा लिखते हो।
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