Thursday, January 26, 2012

इंतज़ार........

जरूरी लंबित कार्य निस्‍तारण के लिए कुछ दिनो बिजनौर आया हुआ हूं लेकिन गणतंत्र दिवस पर दिल्‍ली जाना था, बाद में तय हुआ कि नहीं जाऊंगा, मगर यह जानते हुए भी कि मैं नहीं आऊंगा, दिल नहीं माना और उन्‍हें मेरा इंतजार रहा, इस मौंजूं पर अभी अभी एक दोहा हुआ------ 


        तय था आओगे नहीं, फिर भी बारम्‍बार ।
        हर आहट पर चौंककर, देखा मैंने द्वार ।।

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