Saturday, April 28, 2012

आज का मुक्‍तक



दर्द  की ये दवा  क्‍या  करूँ  ।
तू नहीं   तो वफ़ा क्‍या करूँ ।
हर खुशी थी जो तुम साथ थे
मैं अकेला बता क्‍या करूँ ।

Thursday, April 26, 2012

आज का मुक्‍तक....


जब भी यूँ मुस्‍कुराते हो  तुम ।
स्‍वप्‍न कितने दिखाते हो तुम ।
बदलियों-सा  बरस जाऊँगा....
क्‍यों मुझे गुदगुदाते हो  तुम ।

Monday, April 9, 2012

आज का मुक्‍तक......

मित्र, यदि  शायरी  जरूरी है ।
आपकी  टिप्‍पणी  जरूरी है ।
ताम्र को स्‍वर्ण बनाने के लिए
ये  कीमियागरी  जरूरी  है ।

Saturday, April 7, 2012

आज का मुक्‍तक......

जब भी लेखन की बात होती है ।
इसको शह, उसको मात होती है ।
वो दलित, मैं सवर्ण,  तू नारी....
लेखकों की भी ‘जात ‘ होती है ।

Friday, April 6, 2012

आज का मुक्‍तक......


झूठ  की  चाशनी  मत  करो 
सत्‍य  पर  तर्जनी  मत  करो 
चाहते  हो  अगर  मित्रता ....
आतिशी  टिप्‍पणी  मत  करो 

Thursday, April 5, 2012

आज का मुक्‍तक......

सोच का निष्‍क्रमण  प्रेम है  ।
भाव का अतिक्रमण  प्रेम है  ।
या, अचानक हृदय कक्ष  में..
साध्‍य का अवतरण  प्रेम है  ।

Wednesday, April 4, 2012

आज का मुक्‍तक......


नेह  का (इ)स्‍फुरण  प्रेम  है ।
प्रीत का  अभिकरण  प्रेम  है ।
स्‍वांस- दर स्‍वांस  जीते  हुए
प्रेम   तो  आमरण  प्रेम  है।

Tuesday, April 3, 2012

आज का मुक्‍तक


मीत का मनहरण  प्रेम  है ।
भाव का आक्रमण  प्रेम  है ।
प्राण से प्राण तक शब्‍द बिन
मौन का उपकरण  प्रेम  है ।

आज का मुक्‍तक......

मन अहम् का क्षरण  प्रेम  है ।
अश्रुजल  निस्‍स:रण  प्रेम  है ।
प्राण प्रण का  समर्पण,  कभी
मन से मन का वरण  प्रेम  है ।

Saturday, March 31, 2012

आज का मुक्‍तक

मेरी यादों का भुलाना, तुम्‍हारे बस में नहीं ।
या मुझे याद न आना, तुम्‍हारे बस में नहीं ।
यूँ ही धड़केगा सदा,‍ सिर्फ  तुम्‍हारी  ख़ातिर..
दिल ये पागल ये दिवाना, तुम्‍हारे बस में नहीं ।

Friday, March 30, 2012

आज का मुक्‍तक


मीत  का अनुकरण  प्रेम है ।
प्रीतवत्  आचरण  प्रेम  है ।
हर  कदम  साथ चलते हुए
स्‍वार्थ का विस्‍मरण  प्रेम है ।

Thursday, March 29, 2012

आज का मुक्‍तक......

भाव  का  संचरण  प्रेम   हैं  ।
नयन  का  जागरण  प्रेम है  ।
मुस्‍कुराते  हुए   उम्र- भर ....
दर्द  का  सह-वरण  प्रेम  है ।

Wednesday, March 28, 2012

आज का मुक्‍तक......

पीर का सम्‍वरण  प्रेम है ।
नींद का अपहरण  प्रेम है ।
याद की झील में डूब कर..
अनवरत इस्‍मरण  प्रेम है ।

Tuesday, March 27, 2012

आज का मुक्‍तक......

शत्रुता  का  हनन तो  करो ।
नेह भीगा  कथन  तो  करो ।
भाव रखकर सघन  प्रेम  का..
मित्रता  का जतन  तो करो ।

Monday, March 26, 2012

आज का मुक्‍तक......

पांव में  कब थकन  चाहिए ।
बस, हृदय में तपन  चाहिए ।
प्रेम  में त्‍याग बलिदान का..
अनवरत इक  हवन  चाहिए ।

Sunday, March 25, 2012

आज का मुक्‍तक......

आप जब मुस्‍कुरा कर  मिले ।
खिल गए फूल सब अधखिले ।
है  निवेदन   यही   आपसे...
बंद हों अब न ये सिलसिले ।

Saturday, March 24, 2012

आज का मुक्‍तक........

सत्‍य का  बहुवचन  प्रेम है ।
शून्‍य का  आकलन  प्रेम है ।
तुम गुणा करके भी देख लो..
प्रेम   का  आयतन  प्रेम है ।

Friday, March 23, 2012

नव वर्ष / नवसंवतसर की शुभकामनाएं

जीवन में सफलता  का संघर्ष सकल  शुभ हो ।
सद्कर्म साहित्‍य सृजन उत्‍कर्ष सकल शुभ हो ।
सुख समृद्धि यश वैभव पग  चूमे सदा प्रियवर..
नूतन   स्‍पर्श-भरा  नववर्ष  सकल  शुभ  हो ।।


भारतीय नववर्ष चैत्र प्रतिपदा विक्रम संवत् 2069 की हार्दिक शुभकामनाएं ।।

Thursday, March 22, 2012

आज का मुक्‍तक......

नेह  का संकलन  प्रेम  है  ।
भावना का सृजन  प्रेम  है  ।
ब्‍याज में प्रेम दो याकि लो...
प्रेम का  मूलधन  प्रेम  है  ।

Wednesday, March 21, 2012

आज का मुक्‍तक......

अनकही-सी  कहन के  लिए ।
अनछुई-सी  छुअन के  लिए । 
आइये,  पास    जाइए ...
अनचुभी-सी  चुभन के  लिए ।

आज का मुक्‍तक......


चित्‍त का  उत्‍खनन तो करो ।
सत्‍य का  आकलन तो करो ।
प्रेम क्‍या सिर्फ़ मिलना ही है..
थोड़ा चिंतन मनन तो करो  ।

Friday, March 16, 2012

आज का मुक्‍तक......


कुछ हृदय से यतन  कीजिए ।
प्रीत  का  अंकुरण  कीजिए ।
मात्र  अर्पण  समर्पण  नहीं...
प्रीत का वन  सघन  कीजिए ।

Thursday, March 15, 2012

आज का मुक्‍तक


आपसे फिर मिलन, हो न हो ।
फिर ये  दीवानापन, हो न हो ।
आज रोको    संवेग  को..... 
प्रीत का फिर सृजन, हो न हो ।

Wednesday, March 7, 2012

होली शुभ हो

 0000  रंगपर्व-होली की शुभकामनाएं  000

आओ हम मिलकर लड़ें, हर नफ़रत से जंग ।।
तन-मन पर ऐसा चढ़े, अमिट प्रेम  का रंग ।।। 


आज नशे में गुम हुआ, होली का हुड़दंग ।। 
ढप्‍प नगाड़े क्‍या हुए, कहां खो गई चंग  ।।। 


Monday, March 5, 2012

पश्चिम बंगाल में रेलवे

पिछले माह पश्चिम बंगाल जाना हुआ, देखा कि रेलवे का इन्‍फ्रास्‍ट़्रक्‍चर जितना बिहार और बंगाल में विकसित है, उतना उत्‍तर में, दिल्‍ली/उ0प्र0 की तरफ नहीं है । बहुत छोटे स्‍टेशन भी इधर के खासे बड़े स्‍टेशनों से बड़े, विकसित और सुविधासम्‍पन्‍न हैं, ये फोटो खड़गपुर और जलेश्‍वर के बीच के छोटे-से स्‍टेशन'बेलदा' का है, यहां उतर कर मुझे मिदनापुर जिले के सुदूर प्रकृति की गोद में बसे गांव- लालपुर के लिए बस लेनी थी, रेलवे स्‍टेशन ऐसा लगरहा था जैसे कि हापुड़ या रामपुर के भी नहीं ।

Sunday, March 4, 2012

20वें विश्‍व पुस्‍तक मेले, नई दिल्‍ली में मेरी पुस्‍तक का लोकार्पण

विश्‍व पुस्‍तक मेले में इग्‍नू सहित तमाम प्रमुख विश्‍वविद्यालीय पुस्‍तको के खास प्रकाशक' गुली बाबा प्रकाशन' की स्‍टाल पर एम0ए0पाठ्यक्रम के लिए मेरी पुस्‍तक ' उपभोक्‍ता अध्‍ययन' का लोकार्पण पर्यावरणविद् श्री विनय कंसल के द्वारा संपन्‍न हुआ । बीच में हैं- गुल्‍लीबाबा पब्लिकेशंस प्रा0लि0 के निदेशक श्री दिनेश वर्मा ---

Wednesday, February 29, 2012

फुरसरत के पल


इसबार बालेश्‍वर के वस्‍ता कस्‍बे में डॉ0 गिरि के घर के किचेन गार्डन और बगीचे में प्रकृति के साथ्‍ा खेलने का छोटा, लेकिन भरपूर मौका मिला, गार्डनिंग भी की और किसानी भी.....

आप मिले.....

कई लोगों में अजीब-सा आकर्षण होता है, मिलते हैं तो अच्‍छा लगता है, कुछ ऐसे------------

आप मिले दिन खिल उठा,  आप गए भई रात ।।
आपहि जानो आप में ,   क्‍या है ऐसी बात ।।।।।

Friday, February 24, 2012

दिल के पास

प्रियवर तुमको देखकर, हुआ अजब अहसास ।

बैठे तो  हो  दूर  तुम,  लगते  दिल  के  पास ।।

Friday, February 17, 2012

उड़ीसा में सुवर्णरेखा के किनारे- राजघाट पर

                      दोपहरी मादक हुई, मदिर सुहानी शाम  ।
                                            रजनीगंधा ढालती, चिर-यौवन के जाम ।।